न्याय
बाईबल हमें सिखाती हैं कि सभी नैतिक प्राणी जगत के अंतिम दिन में परमेश्वर के न्याय सिंहासन के सामने लाए जाएंगे। यीशु मसीह ने उन चिन्हों के विषय में बताया जो उस अंतिम दिन से पहले होने वाले हैं। वे इस प्रकार हैं: मत त्याग, झूठे भविष्यद्वक्ताओं का बढ़ना , ख्रीस्त विरोधी का आगमन जो परमेश्वर के लोगों को सताएगा और राजनैतिक तौर से विश्व पर नियंत्रण करेगा, युद्ध, भूकम्प, आकाल, बुराई का बढ़ना, पंथों का बढ़ना, एवं अंतरिक्ष में चिन्ह (मत्ति 24)। इसके पश्चात परमेश्वर का पुत्र आसमान में अपने सामर्थी स्वर्गदूतों के साथ प्रगट होगा (2थेस.1:7)। वह इस बार अपने लोगों का उद्धार एवं संसार का न्याय के लिए प्रगट होगा (इब्रा.9:28)। मसीह में जो मर गए हैं वे पहले जिलाए जाएंगे; फिर जो शिष्य जीवित हैं वे प्रभु के साथ हमेशा रहने के लिए उठा लिए जाएंगे (1थेस. 4:16,17)। शैतान और उसके दूत नरक में डाल दिए जाएंगे (मत्ति 25:41; प्रकाश.20:10)। वे जिनका नाम जीवन की पुस्तक (यीशु की पुस्तक) में नही लिखा गया है उन्हें आग की झील मे डाल दिया जायेगा (प्रकाश.20:15) क्योंकि उनका न्याय उन के कार्यों के अनुसार किया जाएगा (रोम.2:5,6; यहूदा 15)।
मसीह में विश्वासयोग्य जो रहेंगे वे स्वर्ग राज्य के वारिस होवेंगे (प्रकाश.21:7)।