पवित्र आत्मा
बाईबल में पवित्र आत्मा का वर्णन कई नामों से किया गया है, जैसे ‘परमेश्वर का आत्मा’ (उत्प.1:2), ‘सत्य का आत्मा’ (यूह.14:17), ‘पवित्र आत्मा‘ (लूका 11:13), ‘पवित्रता की आत्मा’ (रोम.1:4), एवं ‘सहायक’ (यूह.14:26)। पवित्र आत्मा सारे वस्तुओं का सृष्टिकर्ता एवं जीवन का दाता हैं (अय्यूब 33:4; भजन 104:30)। उसी ने पवित्र शास्त्र की लेखन को प्रेरणा दिया (2पत.1:21)। उसी के द्वारा जगत में परमेश्वर के अद्भुत वरदान परमेश्वर के लोगों के द्वारा प्रगट होते हैं (1शम.10:10; प्रेरित 10:38; 1कुरु.12)। वह आत्मिक बातों की समझ देता है (अय्यूब 32:8; यश.11:2)। वह परमेश्वर के दासों को अभिषिक्त करता है और उन्हे सेवकाई के लिए अलग करता है (प्रेरित 10:38; 1यूह.2:27)। वह यीशु मसीह का महान गवाह है जो संसार को पाप, धार्मिकता, एवं न्याय के विषय में निरुत्तर करता है (यूह.15:26; 16:8)। उसी के अंतरनिवास की परिपूर्णता (उससे भरे जाने) के द्वारा शिष्य सारे विश्व में मसीह के गवाह होने की सामर्थ प्राप्त करते हैं (प्रेरित 1:8)।